गैस के बढ़ते मांगों को लेकर प्रदर्शन लगातार जारी है.
इसी कड़ी में बुधवार को भी कांग्रेस ने पीसीसी चीफ
मोहन मरकाम के नेतृत्व में बिलासपुर में साइकिल रैली
निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हल्लाबोला
है. मरकाम ने रैली के बाद केंद्र सरकार पर जमकर
हमला बोला है और कहा है कि मोदी जी महंगाई कम
करें या फिर गद्दी छोड़ दें.
दोपहर लगभग 3:30 बजे राजीव गांधी चौक से
शुरू कोई साइकिल रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए
शाम 6 बजे गांधी चौक पर खत्म हुई. जहां मोहन
मरकाम ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.
इस दौरान मरकाम ने कहा कि कांग्रेस जनता की लड़ाई
लड़ रही है. आम जनता मोदी जी के इन 7 वर्षों के
कार्यकाल में परेशान है. बेतहाशा महंगाई और पेट्रोल
डीजल की कीमतों ने आम जनता का जीना दूभर कर
दिया है. जिसे लेकर कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक
की लड़ाई लड़ और मांग कर रही है कि, मोदी जी
महंगाई कम करें या फिर गद्दी छोड़ें।
आज हम जनता की लड़ाई लड़ रहे-मरकाम ने आगे कहा कि, जब भाजपा विपक्ष में थी, तब 50 पैसे एक रुपए पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने पर ही सड़क में उतर जाती थी. आज हम जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं। इन 7 वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा मोदी सरकार ने कमाया है। पिछले 1 वर्षों में 69 बार डीजल पेट्रोल के दाम बढ़े हैं।
इसके साथही केंद्र में बैठी मोदी सरकार आम जनता के जेब मेंलगातार डाका डाल रही है. कार्यक्रम के बाद मरकामकई नेताओं के घर भी गए. इसके अलावा उन्होंने
संगठन को लेकर कार्यकर्ताओं से बातचीत भी की है.
वहीं कांग्रेस नेता मोतीलाल थारवानी और ट्रैफिक
आरक्षक के बीच झूमाझटकी के मामले में मरकाम ने
कहा कि अगर कोई अनुशासनहीनता करता है तो पार्टी
कार्रवाई करेगी .
विधायक और संसदीय सचिव मंच के सामने ही खड़े रहे
इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मंच से सभा को संबोधित
कर रहे थे. उधर, पीसीसी चीफ के आने की खुशी में
कांग्रेस कार्यकर्ता भी खासा उत्साहित थे . जिसके चलते
ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए थे. वहीं
मंच पर इतनी भीड़ जमा हो गई कि बिलासपुर विधायक
शैलेष पांडे और तखतपुर विधायक और संसदीय सचिव
रश्मि सिंह को भी मंच के सामने खड़े होकर ही पीसीसी
चीफ का भाषण सुनना पड़ा.
कांग्रेस की साइकिल रैली के दौरान इतनी भीड़ जमा
हो गई थी कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता साइकिल से ही
गिर गए. भीड़ के चलते ट्रैफिक पुलिस को भी यातायात
काबू करने काफी मशक्कत करनी पड़ी. हालांकि किसी
भी कार्यकर्ता को चोट नहीं आई है।
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